नकारात्मकता से बचना है तो
काले घोड़े की नाल है मददगार
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अक्सर द्वार के ऊपर या तो गणेशजी की तस्वीर/ चित्र स्थापित किया जाता है या कोई मांगलिक प्रतीक लगाया जाता है। परन्तु कुछ लोग तन्त्र- मंत्र और नज़र जैसे टोटको से बचने के लिए काले घोड़े की नाल का भी प्रयोग करते है। सुरक्षा और सौभाग्य के लिए इसे अपने घर के मुख्य द्वार के ऊपर दरवाजे के ऊपर लगाते है।
मान्यता है की घोड़े की नाल को घर मे स्थापित करने से नकारात्मक ऊर्जा और बुरी नज़र से मुक्ति मिलती है। कुछ लोग घोड़े की नाल से बनी अंगूठी भी पहनते है।
घोड़े के दौड़ते रहने के कारण ऊर्जा अर्जित कर चुकी नाल को अपने घर के मुख्य दरवाजे के ऊपर फ्रेम के बाहर लगाना चाहिए। नाल इस प्रकार लगाएं की इसके दोनो सिरे नीचे की ओर हो। इस प्रकार लगाने से बुरी शक्ति, नज़र दोष, भूत-प्रेत् एवं अशुभ शक्तियों से मुक्ति मिलती है व घर मे नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश नहीं होता है।
जब घोड़े की नाल के दोनो सिरे ऊपर की ओर हो तब उसे यू पैटर्न कहते है। इस प्रकार से घोड़े की नाल को लगाने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
घोड़े की नाल लगाने मे भी वास्तु के अनुरूप दिशा का ध्यान रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है। घोड़े की नाल का प्रयोग पश्चिम, उत्तर पश्चिम,या उत्तर दिशाओं मे हि करना लाभकारी होता है क्योंकि इसका धातु तत्व इन दिशाओं की शुभ ऊर्जा को बढ़ा देता है।
पूर्व या दक्षिण पूर्वी दिशाओं का तत्व लकड़ी होता है जिसे धातु नष्ट कर देती है अतः पूर्व या दक्षिण पूर्व दिशा मे घोड़े की नाल का प्रयोग करने से बचना चाहिए।
जन्मपत्री मे शनि या राहु ग्रह शुभ फल देने वाले हों तो ऐसे लोगो को अपने घर मे घोड़े की नाल लगाने से विशेष लाभ हो सकता है। अगर दक्षिण दिशा मे नाल लगी हुई हो तो उस पर सिन्दूर का लेप अवश्य हो इसका ध्यान रखना चाहिए।